क्या यही जिंदगी है..........
ना भोजन को समय है
ना सोने को समय है,
ना सोने को समय है,
ना कोई सोच ना कोई उद्देश्य ,
बस भागते रहना ,
क्या यही जिन्दगी है ...........
कल ये करना है ,
कल वो करना है ,
कल क्या क्या करना है
बस सोचते रहना
कल - कल के चक्कर में ,,
आज का रोना ,
क्या यही जिंदगी है .............
कभी अमिताभ बन जाता ,
कभी तेंदुलकर जैसा ,
कभी टाटा कभी बिडला ,
कभी सब भूलकर पैसा
कमाने की ललक में
बस सोचते रहना ,
क्या यही जिन्दगी है ..........
लेखक - अमित प्रकाश तिवारी (नादान)
बस भागते रहना ,
क्या यही जिन्दगी है ...........
कल ये करना है ,
कल वो करना है ,
कल क्या क्या करना है
बस सोचते रहना
कल - कल के चक्कर में ,,
आज का रोना ,
क्या यही जिंदगी है .............
कभी अमिताभ बन जाता ,
कभी तेंदुलकर जैसा ,
कभी टाटा कभी बिडला ,
कभी सब भूलकर पैसा
कमाने की ललक में
बस सोचते रहना ,
क्या यही जिन्दगी है ..........
लेखक - अमित प्रकाश तिवारी (नादान)
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