काम ऐसा करो की दुनिया थूके
लेखक - अमित प्रकाश तिवारी (नादान)
अच्छा कर नहीं सकते
बुरा सोच नहीं सकते
पर चाहते है की नाम हो
गली मोहल्ला शहर गए
एक मौके की तलाश में
तुम हर बार चुके तो
काम ऐसा करो की दुनिया थूके............
जिससे लो उधार
दुबारा न दिखो
जब मिले मौका
कुछ नया पैतरा सीखो
ये देश तुम्हारा है ,
जितना चाहे लूट लो
नकली बी पी ल कार्ड बना
हर मौके की छूट लो
फिर न मिलेगा मौका अगर चुके
काम ऐसा करो की दुनिया थूके.......
कॉलेज टॉप किया
कोई नहीं पहचानता
खून कर के आये
तो हर कोई पूछे
सामाजिक काम किया
किसी ने नहीं पूछा
पर आज जेल गया
तो हर कोई पूछे
हर जुर्म किया और नेता बन गया
आज हर आदमी ,अधिकारी तेरे पैर छुते ,
काम ऐसा करो की दुनिया थूके..............
बनना है तो दलाल बनो
कोई काम नहीं रुकेगा
दो चार लफंगों की ढाल बनो
हर कोई डरेगा
एकबार बोलो हर काम होगा
आम आदमी क्या करेगा
मस्ती करो जीवन का आनंद लो ..
इस डरपोक दुनिया कौन लड़ेगा
क्यों जीना जीवन भर रोते रोते
काम ऐसा करो की दुनिया थूके ............
लेखक - अमित प्रकाश तिवारी (नादान)
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