रविवार, 1 अप्रैल 2012

काम ऐसा करो की दुनिया थूके

                                         काम ऐसा करो की दुनिया थूके


अच्छा कर नहीं सकते  
बुरा सोच नहीं सकते 
पर चाहते है  की नाम हो 
गली मोहल्ला शहर गए
एक मौके की तलाश में
तुम हर बार चुके  तो
काम ऐसा करो की दुनिया थूके............

जिससे लो उधार
दुबारा न दिखो 
जब मिले मौका 
कुछ नया पैतरा  सीखो 
ये देश तुम्हारा है  ,
जितना चाहे लूट लो 
नकली बी पी ल कार्ड बना 
हर मौके की छूट लो 
फिर न मिलेगा मौका अगर चुके 
काम ऐसा करो की दुनिया थूके.......

कॉलेज टॉप किया 
कोई नहीं पहचानता 
खून कर के आये 
तो हर कोई पूछे  
सामाजिक काम किया 
किसी ने नहीं पूछा
पर आज जेल गया 
तो हर कोई पूछे   
हर जुर्म किया और नेता बन गया 
आज हर आदमी ,अधिकारी तेरे पैर छुते ,
काम ऐसा करो की दुनिया थूके..............

बनना है तो दलाल बनो 
कोई काम नहीं रुकेगा 
दो चार लफंगों की ढाल बनो  
हर कोई डरेगा
एकबार बोलो हर काम होगा
आम आदमी क्या करेगा  
मस्ती करो जीवन का आनंद लो ..
इस डरपोक दुनिया कौन लड़ेगा
क्यों जीना जीवन भर रोते रोते 
काम ऐसा करो की दुनिया थूके ............



                                        लेखक - अमित प्रकाश तिवारी (नादान)





 




 

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