अतिथि सत्कार
अरे लादेन तुम्हारी मति मारी गयी थी
जो पाकिस्तान में जा बसे
जहाँ अमेरिका की नजर पहले से लगी थी
काश हिंदुस्तान में आते ,
अतिथि सत्कार पाते .
रोज सरकार करोड़ो खर्चा करती ,
तुम शान से विरयानी उड़ाते।
अपने पिठ्ठू कसाब अजमल कि तरह ,
देश का अतिथि बन जाते।
तुम पर इल्जाम साबित होता ,
तब तक तुम सौ साल के हो जाते।
आज हमारे देश का दुर्भाग्य है ,
जहा गन्दी राजनीति से देश शर्मसार होता है।
जनता एक रोटी को तरसती है ,
इन पर करोडो निसार होता है।
ये सरकार की कमजोरी है ,
या वोट बैंक का छलावा है।
देश का खजाना खाली है,
इन गद्दारो पर करोडो का चढ़ावा है।
बस एक कठोर निर्णय कि दरकार है ,
इन जैसो को औकात पर ला दे
देश के दहशत गर्दो के लिए ,
बस एक सजा फांसी दे सुला दे
इंतजार किस बात का ,
क्या फिर कोई प्लेन हाइजैक हो ,
फिर कोई भारत पर बुरी नजर डाले ,
फिर मुम्बई दिल्ली जैसा अटैक हो।
अब इंतजार और नहीं ,
वर्ना हम सोचते रह जायेंगे ,
और ये दरिंदे हमारी सर जमी को ,
दहशत का देश बना देंगे।
लेखक - अमित प्रकाश तिवारी "नादान"
अरे लादेन तुम्हारी मति मारी गयी थी
जो पाकिस्तान में जा बसे
जहाँ अमेरिका की नजर पहले से लगी थी
काश हिंदुस्तान में आते ,
अतिथि सत्कार पाते .
रोज सरकार करोड़ो खर्चा करती ,
तुम शान से विरयानी उड़ाते।
अपने पिठ्ठू कसाब अजमल कि तरह ,
देश का अतिथि बन जाते।
तुम पर इल्जाम साबित होता ,
तब तक तुम सौ साल के हो जाते।
आज हमारे देश का दुर्भाग्य है ,
जहा गन्दी राजनीति से देश शर्मसार होता है।
जनता एक रोटी को तरसती है ,
इन पर करोडो निसार होता है।
ये सरकार की कमजोरी है ,
या वोट बैंक का छलावा है।
देश का खजाना खाली है,
इन गद्दारो पर करोडो का चढ़ावा है।
बस एक कठोर निर्णय कि दरकार है ,
इन जैसो को औकात पर ला दे
देश के दहशत गर्दो के लिए ,
बस एक सजा फांसी दे सुला दे
इंतजार किस बात का ,
क्या फिर कोई प्लेन हाइजैक हो ,
फिर कोई भारत पर बुरी नजर डाले ,
फिर मुम्बई दिल्ली जैसा अटैक हो।
अब इंतजार और नहीं ,
वर्ना हम सोचते रह जायेंगे ,
और ये दरिंदे हमारी सर जमी को ,
दहशत का देश बना देंगे।
लेखक - अमित प्रकाश तिवारी "नादान"