रविवार, 26 जनवरी 2014

कड़वा सच

                                      कड़वा सच 


६ वर्ष का राहुल रात  को ११ बजे अपने पापा का इंतजार कर रहा था ,  पापा घर आये।  राहुल ने प्रश्न किया
 " पापा आप एक घंटे में कितना कमा  लेते हो। " उसके पापा सोच में पड़  गए कि ये क्या पूछ रहा है।  बोले " तुमसे क्या मतलब जाओ और सो जाओ "   डाटते हुए राहुल को सोने का इशारा किया।  अबोध राहुल करवटे बदल रहा था। फिर पापा को एहसास हुआ कि राहुल आखिर ऐसा  पूछ रहा था। 
"नीद नहीं आ रही है बेटा" पापा ने सर पर हाथ फेरते हुए पूछा। 
"नहीं पापा " राहुल ने आखे मीचते हुए कहा। 
"मै  कितना कमाता हू क्यू  पूछ रहे थे "पापा ने प्रश्न किया। 
"आप  बताओ तो सही कुछ कहना है मुझे "
"लगभग १०० रुपए एक घंटे में "पापा ने बताया। 
  राहुल उठकर खड़ा हुआ और दौड़ कर अपना गुल्लक उठा लाया। गुल्लक को एक झटके से जमीन पर तोड़ दिया, और पैसे गिनने लगा। एक एक सिक्के को जोड़कर १०० रुपए होने पर वह पापा से बोला " पापा ये पैसे लेलो ,क्या मै  आपका एक घंटा  खरीद सकता हूँ। "
पापा को समझ में नहीं आ रहा था कि ये क्या हो रहा है। फिर राहुल ने कहा " पापा मै  आपसे कोई काम करने को नहीं कहूंगा बसआप मेरे साथ खेलना, घुमाना और मुझे प्यार करना … . प्लीज ये पैसे आप ले लो , और मुझे सिर्फ एक घंटे  ,मै  ज्यादा समय नहीं लूंगा। " पापा के आखो में ऑसू  आ गए और गोद में उठाते हुए राहुल को गले से लगा  लिया।
एक छोटे से बालक के इस प्रश्न ने आज के समय में सिर्फ अपने काम  में व्यस्त माता पिता को सोचने पर मजबूर कर दिया।  क्या आपके साथ भी ऐसा है तो प्लीज अपने लाडलो को भी समय दे और उनके कोमल मन में ऐसे विचार न आने दे।