सोमवार, 16 फ़रवरी 2015

                        ( हमारा देश स्वछ और साफ सुथरा हो सकता है  हम किस चीज का इंतजार कर रहे है   भगवान या खुदा या इशू या नानक  खुद जमी पर आकर हमें जब तक  नहीं कहेंगे या उनका कोई नुमाइंदा नहीं कहेगा ।तब  तक हम नहीं जागेंगे । मित्रो अगर हम चाहे तो कुछ भी हो सकता है  )

हमारे सभी सम्मानित मित्रो ।
                   ईश्वर की कृपा से मुझे देश के कई राज्यों और पर्यटन स्थलों पर जाने का मौका मिलता है । अभी हम अमृतसर ,पंजाब से दिल्ली  वापस आये है । वहा हमें स्वर्ण मंदिर में दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ ।
जहा हमने एक अनूठी चीज देखी , हर वर्ग का  ,चाहे वो महिला हो या पुरुष ,धनाढ्य हो या गरीब । सभी एक सेवा भाव से स्वर्ण मंदिर के अंदर और बाहर चाहे वो चप्पल-जुते का स्टैंड हो या दरी बिछाने का कार्य हो , किसीको पानी पिलाना हो या बर्तन धोना हो ,या किसी भी छोटे बड़े कार्य में बिना किसी झिझक सेवा कार्य में तल्लीन दिखे । सफाई अद्भुत थी ।
                   क्या यह सिर्फ इसलिए था की वह ईश्वर का घर है या इसलिए की उनके ईश्वर के नुमाइंदो ने ऐसा करने को कहा है । जो भी हो मन को काफी शुकुन मिला ।
                 पर एक बात सोचता हूँ । अगर हम ईश्वर का घर साफ रखने के लिए इतना सेवा भाव रखते है तो फिर हम अपना घर और अपने आस -पास सफाई क्यों नहीं रख पाते ।  बस इक बार हम आप आगे बढे  जमाना पीछे पीछे आएगा ।  
 जय हिन्द । 

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