शुक्रवार, 21 नवंबर 2014

एक मुस्कराहट के लिए

बेटे के लिए माँ बाप ने ,  त्यागा है सुख
दुःख सहा सारी जिंदगी ,
विश्वास किया निज पुत्र पर,
अभावो का अभ्यास , किया सारी  जिंदगी

जिसके  सपनोे के लिए , भागते रहे उम्र भर ,
दिन रात एक कर दिया जिसके लिए ,
हर गम सहा ख़ुशी से ,
उसकी एक मुस्कराहट के लिए
उसकी एक सफलता से सारे मोहल्ले में,
ना जाने कितने लड्डू बाट दिए
जिसके एक छोटी सी चोट पर बहाये आँसू
पूरी रात जागते रहे बिना संवाद किये
तेरी हर जरुरत पूरी की, बिना कोई पल गवाए





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